भारत में बेरोजगारी के प्रकार (Types of Unemployment in India)

भारत में बेरोजगारी के प्रकार (Types of Unemployment in India)

हमारे देश भारत में कई तरह की बेरोजगारी है, लोगों को अपने क्षेत्र या डोमेन में नौकरी नहीं मिल रही है और कुछ प्रकार की नौकरियों के लिए लोग योग्य नहीं हैं। आइए समझते हैं कि भारत में बेरोजगारी के कौन-कौन से प्रकार हैं:


प्रच्छन्न बेरोजगारी (Disguised Unemployment): यह वह स्थिति है जहाँ आवश्यकता से अधिक लोग कार्यरत होते हैं।

मौसमी बेरोजगारी (Seasonal Unemployment): यह वह बेरोजगारी है जो साल के कुछ खास मौसमों में होती है।

संरचनात्मक बेरोजगारी (Structural Unemployment): यह बाजार में उपलब्ध नौकरियों और श्रमिकों के कौशल के बीच बेमेल (mismatch) होने से उत्पन्न होने वाली बेरोजगारी की एक श्रेणी है।

चक्रीय बेरोजगारी (Cyclical Unemployment): यह व्यापार चक्र (business cycle) का परिणाम है, जहाँ मंदी (recessions) के दौरान बेरोजगारी बढ़ती है और आर्थिक विकास के साथ घटती है।

तकनीकी बेरोजगारी (Technological Unemployment): यह प्रौद्योगिकी (technology) में बदलाव के कारण नौकरियों का नुकसान है।

घर्षण संबंधी बेरोजगारी (Frictional Unemployment): घर्षण संबंधी बेरोजगारी को 'सर्च अनएम्प्लॉयमेंट' (Search Unemployment) भी कहा जाता है। यह नौकरियों के बीच के समय अंतराल को संदर्भित करता है जब कोई व्यक्ति नई नौकरी की तलाश कर रहा होता है या नौकरियों के बीच स्विच कर रहा होता है।

असुरक्षित बेरोजगारी (Vulnerable Unemployment): इसका मतलब है कि लोग बिना उचित नौकरी अनुबंध (job contracts) और बिना किसी कानूनी सुरक्षा के अनौपचारिक रूप से काम कर रहे हैं।