हाल ही में UNESCO की Intangible Cultural Heritage (ICH) of Humanity लिस्ट में गुजरात का प्रसिद्ध लोकनृत्य "गरबा" शामिल किया गया है।
यह सम्मान Botswana में आयोजित UNESCO के 18th Session of Intergovernmental Committee for Safeguarding of ICH के दौरान मिला।
गरबा डांस, भारत से शामिल होने वाला 15वां ICH तत्व है।
About Garba Folk Dance (गरबा फोक डांस):
गरबा एक आध्यात्मिक और सांकेतिक नृत्य है जो स्त्री शक्ति या 'शक्ति' की उपासना को दर्शाता है।
यह दुनिया का सबसे लंबा डांस फेस्टिवल माना जाता है, जो नवरात्रि के दौरान 9 दिनों तक चलता है।
गरबा मुख्य रूप से हिंदू त्यौहार नवरात्रि से जुड़ा है। इसमें "गरभा दीप" (दीये से सजी हुई मिट्टी की सुराही) के चारों ओर महिलाएँ ताल से ताल मिलाकर गोलाकार नृत्य करती हैं।
गरबा समुदाय में डांसर, म्यूज़ीशियन, सोशल ग्रुप्स, कारीगर और धार्मिक गुरु शामिल होते हैं।
म्यूज़ीशियन आमतौर पर ढोल, ढोलक, झांझ, शहनाई और हारमोनियम जैसे वाद्ययंत्रों का प्रयोग करते हैं।
Performance (प्रदर्शन):
यह रंग-बिरंगा नृत्य एक छेददार मिट्टी के घड़े के चारों ओर किया जाता है, जिसमें तेल का दीपक या माता अंबा की तस्वीर रखी जाती है।
नृत्य की शुरुआत हल्की गोलाई वाली चालों से होती है और धीरे-धीरे इसका टेम्पो तेज होता जाता है, जोश और ऊर्जा से भरपूर।
रंगीन कपड़ों में सजे डांसर घड़े के चारों ओर काउंटर-क्लॉकवाइज मूवमेंट में नृत्य करते हैं।
Significance (महत्व):
UNESCO में शामिल होने से गौरव और जागरूकता बढ़ेगी तथा Intangible Cultural Heritage को संरक्षित करने की दिशा में प्रेरणा मिलेगी।
इससे गरबा से जुड़े पारंपरिक ज्ञान और विविध परंपराओं का सम्मान और प्रसार होगा।
यह गरबा की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान को और मज़बूत करेगा।
Important Facts (महत्वपूर्ण तथ्य):
Intangible Cultural Heritage (ICH):
ICH उन परंपराओं, रीति-रिवाजों, ज्ञान और कला को कहते हैं जो किसी समुदाय या समूह की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा हैं। इसे "Living Cultural Heritage" भी कहा जाता है। इसमें शामिल हैं:
- Performing Arts (संगीत और नृत्य)
- Oral Traditions (मौखिक परंपराएँ)
- Social Practices (सामाजिक प्रथाएँ)
- Traditional Craftsmanship (पारंपरिक शिल्पकला)
- Rituals and Festive Events (अनुष्ठान और उत्सव)
- Knowledge and Practices concerning nature and universe (प्रकृति और ब्रह्मांड से जुड़े ज्ञान और प्रथाएँ)
जुलाई 2022 में भारत को UNESCO 2003 Convention for Safeguarding of ICH की इंटरगवर्नमेंटल कमेटी में 2022-2026 के लिए शामिल किया गया था। इससे पहले भारत 2006-2010 और 2014-2018 तक इसका सदस्य रह चुका है।
UNESCO's Convention (महत्वपूर्ण जानकारी):
- Adopted: 2003
- Came into force: 2006
- Members: 24
- Term of Members: 4 years
- Election: General Assembly of the Convention